" के०के० भाई की नवीनतम कृति 'खूंटियों पर टॅगी कहानियों" को पढ़ने का अवसर मिला। इनका कुछ ख़ास स्टाइल हैं। बिना किसी प्रस्तावना के कहानी शुरू हो जाती है और इससे पाठक तुरंत जुड़ जाता है, और फिर कभी आकाश की ऊँबाइयों में, तो कभी पाताल की गहराइयों में गोता लगाते हुए अचानक जमीन पर धड़ाम हो जाता है और कहानी सात्म। पर कहानी के मायाजाल में पाठक देर तक उलझा रहता है। सभी रचनायें जैसे सपेरा, कैंसर का इलाज, चन्दू की कहानी, बिंदू की चिट्ठी आदि खूब हँसाने के साथ-साथ समाज में व्याप्त रूढ़ियों, दिखावे. भ्रष्टाचार पर करारी बोट करती हैं और सोचने पर मजबूर कर देती है। "
इं० उदय भान पाण्डेय
"भान" मुख्य अभियंता (सेवानिवृत्त) उ०प्र० पॉवर कारपोरेशन हिन्दी, उर्दू एवं भोजपुरी के प्रसिद्ध कवि